6/23/2014


 
ज़िदगी में गम भी हैं और खुशियां भी हैं...
आँखों में नमी भी है और सुर्खियां भी हैं...
दोस्तों ये दुनिया है...
 
बस समझने और देखने वाले की नज़रों की ये बारीकियां हैं..
गम को गले लगाकर खुशियां मना लो तुम...
नमी को अश्कों से हटाकर एक रौशनी जगा दो तुम...
 
किसी के टूटे हुये दिल को अपनी मुस्कराहटों से जगमगा दो तुम...
किसी की दुआएं लेकर ज़िदगी बना लो तुम...
ये दुनिया है...
बस समझने और देखने वाले की नज़रों की ये बारीकियां हैं...
 
 

 

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