10/03/2014




तुझे मुझ पर यकीं हो न हो, मुझे खुद से ज़्यादा तुझ पर है
खुदा ने भेजा है मुझे, पूरे यकीन के साथ...

ग़र हारा हूं , तो जीत भी मैंने हासिल की है
तमाम लम्हें गुज़ारे हैं तेरे बिन, तो प्रीत भी तुझ से ही की है
तू न हो उदास इक पल को भी
तू न हो निराश इक पल को भी
तूने जो भरोसा किया था उस दिन मुझ पर
मैं उसे कभी टूटने न दूंगा
ग़र हारा हूं , तो जीत भी मैंने हासिल की है
तमाम लम्हें गुज़ारे हैं तेरे बिन, तो प्रीत भी तुझ से ही की है
लौट के आऊंगा मैं ज़रूर फिर से, जल्द ही...
लौट के छाउंगा मैं ज़रूर फिर से, जल्द ही...
ये मेरा वादा है
ग़र हारा हूं , तो जीत भी मैंने हासिल की है
तमाम लम्हें गुज़ारे हैं तेरे बिन, तो प्रीत भी तुझ से की है

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