10/15/2012


  तेरे अल्फ़ाज़ और वो तेरी ख़ामोशी...
पढ़ी है मैंने, तेरी हिरनी सी आंखें में
                    और
उनमें काजल की वो बारीक सी स्याही से

  पढ़ी है मैंने,तेरे लवो की वो ख़मोशी...
   तेरे चेहरे का नूर है , तेरी मुस्कराहट...
                     क्योंकि
  तेरे अल्फ़ाज़ और वो तेरी ख़ामोशी...
   पढ़ी है मैंने, तेरी हिरनी सी आंखें में

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